Top Shodashi Secrets
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सोलह पंखड़ियों के कमल दल पर पद्दासन मुद्रा में बैठी विराजमान षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी मातृ स्वरूपा है तथा सभी पापों और दोषों से मुक्त करती हुई अपने भक्तों तथा साधकों को सोलह कलाओं से पूर्ण करती है, उन्हें पूर्ण सेवा प्रदान करती है। उनके हाथ में माला, अंकुश, धनुष और बाण साधकों को जीवन में सफलता और श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। दायें हाथ में अंकुश इस बात को दर्शाता है कि जो व्यक्ति अपने कर्मदोषों से परेशान है, उन सभी कर्मों पर वह पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर उन्नति के पथ पर गतिशील हो और उसे जीवन में श्रेष्ठता, भव्यता, आत्मविश्वास प्राप्त हो। इसके आतिरिक्त शिष्य के जीवन में आने वाली प्रत्येक बाधा, शत्रु, बीमारी, गरीबी, अशक्ता सभी को दूर करने का प्रतीक उनके हाथ में धनुष-बाण है। वास्तव में मां देवी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूर्णता प्राप्त करने की साधना है।
ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
Worshippers of Shodashi seek not only material prosperity but in addition spiritual liberation. Her grace is said to bestow both worldly pleasures as well as usually means to transcend them.
पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra generates a spiritual shield about devotees, shielding them from negativity and destructive influences. This mantra acts as a supply of protection, aiding people today sustain a favourable environment absolutely free from mental and spiritual disturbances.
हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥
The whole world, being a manifestation of Shiva's consciousness, holds The main element to liberation when 1 realizes this essential unity.
, sort, where she sits atop Shivas lap joined in union. Her traits are unrestricted, expressed by her 5 Shivas. The throne upon which she sits has as its legs the click here 5 kinds of Shiva, the renowned Pancha Brahmas
ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಐಂ ಸೌ: ಓಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ ಕ ಎ ಐ ಲ ಹ್ರೀಂ ಹ ಸ ಕ ಹ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸ ಕ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸೌ: ಐಂ ಕ್ಲೀಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ